Adhik sardi padne ka karan aur nivaran, अधिक सर्दी पड़ने का कारण और निवारण
नमस्कार दोस्तों ..
एक बार फिर से स्वागत है आपके अपने ब्लॉग में ..
दोस्तों आज का विषय है सर्दी ...जी हां मित्रों आज हम देख रहे हैं दिल्ली में 120 साल का लगभग सर्दी ने रिकॉर्ड तोड़ दिया है ..
तो आज हम बात करेंगे इसी अत्यधिक पढ़ने वाली सर्दी के बारे में कि ऐसा क्यों है..?
अत्यधिक सर्दी बढ़ जाने के कारण-
जैसा कि मित्रों हम सभी जानते हैं परिवर्तन प्रकृति का नियम है मित्रों प्रकृति का संतुलन बनाए रखने के लिए प्रकृति ने हमें समयानुसार सर्दी गर्मी और बरसात तीन मौसम प्रदान किए हैं मित्रों जब कभी सर्दी गर्मियां बरसात ज्यादा होने लगता है तो हम यह सोचते हैं इससे लोगों की समस्याएं बढ़ जाएंगी..
लेकिन मित्रों हम लोग कभी यह नहीं सोचते कि ऐसा क्यों होता है..
सर्दी ज्यादा हो रही तो क्यों हो रही ,बरसात ज्यादा हो रही तो क्यों हो रही,अत्यधिक गर्मी पड़ रही तो क्यों पड़ रही क्या कभी हमने सोचा है एक बार गहराई से थोड़ा पीछे जाकर सोच कर देखिए.....
मित्रों पहले ना कभी हमारे यहां वातावरण का तापमान 50 डिग्री था ना कभी हाड़ कपा देने वाली सर्दी थी मतलब 1 डिग्री 2 डिग्री सेल्सियस और ना ही ऐसी बारिश होती थी कि सब कुछ जलमग्न हो जाता था या सब कुछ बहा कर ले जाता था..
मित्रों यह सब हुआ है पर्यावरण असंतुलन से और यह असंतुलन किसी और ने नहीं बल्कि हम लोगों ने पैदा किया है हम लोगों ने अथाह पेड़ पौधों की कटाई वनों का खात्मा तरह-तरह के प्रदूषण वायु प्रदूषण ध्वनि प्रदूषण जल प्रदूषण क्या-क्या हम लोगों ने प्रकृति के साथ नहीं किया उसी का परिणाम है यह ..
हमारे लोगों का ही किया धरा है सब कुछ हम लोगों ने ही प्रकृति के साथ पर्यावरण के साथ इतना खिलवाड़ किया इतना गलत किया उसी का परिणाम हम लोग अब भुगत रहे हैं ..
अब भी समय है मित्रों हम लोग प्रत्येक बात को गहराई से सोचे समझे और मनन करें और उस पर फिर अमल करें ।
सब का निवारण-
मित्रों अगर हम सब चाहते हैं कि हम सभी सुखी और समृद्धि पूर्वक जीवन यापन करें और हमारी पीढ़ियां भी सुख शांति पूर्वक जीवन यापन करें और..
यह कहे कि हमारे पूर्वजों ने हमारे लिए इतना कुछ किया है जो हम आज स्वच्छ वायु और स्वच्छ वातावरण में सांस ले रहे हैं ..
तभी हमारा यह प्रयास हम सब का सहयोग प्रकृति के लिए अपने लिए आने वाली पीढ़ियों के लिए संपन्न होगा इसके लिए मित्रों हम सभी को पूर्ण सहयोग करना होगा कि कम से कम अपने जन्मदिवस पर ही कुछ वृक्ष जरूर लगाएं कहीं पर भी जहां पर आपको उचित स्थान दिखे वहीं पर एक वृक्ष अवश्य रोपित करें ..
बेवजह ध्वनि प्रदूषण वायु प्रदूषण जल प्रदूषण जैसी कोई भी समस्या उत्पन्न ना करें ..
उसमें हमेशा सहयोग बनाए रखें एक-एक बात को गंभीरता से लें जब हम प्रत्येक बात को गंभीरता से लेंगे ..
सभी समस्याओं को गंभीरता से देखेंगे तभी हमारा वातावरण समाज परिवार और यह देश आगे बढ़ेगा ..और भूकंप अनावृष्टि अतिवृष्टि यह सभी समस्याओं से..
प्राकृतिक सभी समस्याओं से निजात पा सकेंगे ..
मित्रों आपसे भी एक कदम सहयोग की आकांक्षा ..
नोट-
मित्रों आज अगर हमने पर्यावरण के संतुलन में अपना सहयोग नहीं दिया और लगातार पर्यावरण को असंतुलित करते रहे तो वह दिन दूर नहीं जब हमारी ही आंखों के सामने हमारा और हमारी आने वाली पीढ़ियों का विनाश होगा ।
प्रयास पसंद आए मित्रों तो हमारे साथ लगातार जुड़े रहिए और अपने बहुमूल्य विचार कमेंट के माध्यम से अवश्य प्रेषित करें...
साभार
आपका-
विनोद कुमार (Prayas by Vinod)
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